गड्ढों की वजह से होने वाली मौतों के जिम्मेदार सरकारी अधिकारी व ठेकेदार होगें, मिलेगा 06 लाख का मुआवजा - बॉम्बे हाईकोर्ट
सरकारी अधिकारियों पर भी जवाबदेही तय होगी
मुंबई- केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग के द्वारा दिसंबर 2024 में रोड एक्सीडेंट इन इंडियाके संदर्भ में रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया कि 2018-2025 तक 5 सालों में सिर्फ महाराष्ट्र में ही 66 हजार मौतें हुई है। इसी का संज्ञान लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट से सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सामने आया है। कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में गड्ढों और खुले मैनहोल की वजह से होने वाली मौतों के मामलों में अब पीड़ित परिवारों को ₹6 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।साथ ही सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही भी तय कर दी है।मुआवजे की राशि जिम्मेदार अधिकारी, इंजीनियर या ठेकेदार से वसूल की जाएगी।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और संदीश डी. पाटिल की बेंच ने अपने आर्डर में कहा कि यदि किसी को इन हादसों में चोट लगती है, तो उसे 50 हजार रुपए से 2.50 लाख रुपए तक का मुआवजा देना होगा।
और यह रकम 6 से 8 हफ्तों के भीतर आवश्यक रुप से अदा करनी होगी। देरी होने पर अधिकारी कमिश्नर, जिला कलेक्टर, सीईओ आदि बड़े अफसर पूर्ण रुप से जिम्मेदार होंगे और उन्हें ब्याज सहित पैसा देना होगा।हाईकोर्ट ने आगे कहाजब तक अधिकारियों और ठेकेदारों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा, तब तक वे इस गंभीर मुद्दे को समझ नहीं पाएंगे।
हाईकोर्ट ने आगे कहा कि सुरक्षित सड़कें नागरिकों का मौलिक अधिकार हैं,अब समय आ गया है कि गड्ढों और खुले मैनहोल से होने वाली मौतों और चोटों के लिए जिम्मेदार लोगों को सीधे जवाबदेह ठहराया जाए। जब तक अधिकारियों और ठेकेदारों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा, तब तक वे इस गंभीर मुद्दे को समझ नहीं पाएंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहनमंत्री नितिन गडकरी ने संसद में बताया - देशभर में 13,795 ब्लैक स्पॉट हैं, जनवरी से जुलाई 2025 तक नेशनल हाईवे पर 26,770 लोगों की मौत हुई। अधिकांश मामलों में सुधार हो चुका है।
-------------------------------------------------------------------------------------------
टाइगर रिजर्व के वनकर्मियों का मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन
साकोली-
विभिन्न मांगों पर ध्यान आकर्षित करवाने के लिए नागझीरा-नवेगांव टाइगर रिजर्व के वनकर्मियों ने साकोली में उपनिदेशक कार्यालय के प्रागंण में धरना देकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।इन कर्मचारियों ने प्रशासन का ध्यान अपनी लंबित मांगों की ओर आकर्षित करने । इस विरोध प्रदर्शन में 50 से ज़्यादा वनकर्मियों ने हिस्सा लिया।
Social Plugin