05 घंटे की मेहनत के बाद शहर में आए बाघ को पकड़ा जा सका
गोंदिया: गोंदिया के जिलाधिकारी कार्यालय क्षेत्र में कल शनिवार, 11 अक्टूबर की रात एक बाघ देखे जाने की सूचना सेसे हड़कंप मच गया था। जानकारी मिलते ही नागझिरा अभयारण्य बाघ परियोजना की बचाव टीम मौके पर पहुंची और प्रयास कर बाघ को पकड़ कर गोरेवाड़ा चिड़ियाघर भेजा गया है।
नवेगांव-नागझिरा बाघ परियोजना में वन विभाग बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए किे गए प्रयास अब नागरिकों के लिे मुसीबत का कारण बन रहे है। कुछ घटनाएं सामने आई हैं जिनमें यह बात सामनेआई है कि बाघ संरक्षित क्षेत्र के बाहर निकल रहे है। शहर के सारस चौक के पास, रात करीब 11.30 बजे यहां एक बाघ देखा गया । इसकी सूचना वन विभाग को दी गई और वन विभाग की रेसक्यु टीम ने बाघ को पकड़े का अभियान शुरू किया।
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने अथक प्रयास किए। उप वन संरक्षक पवन जोंग, सहायक वन संरक्षक सचिन डोंगरवार, विजय धांडे, वनपरिक्षेत्राधिकारी दिलीप कौशिक, अमोल चौबे, अमित राऊत, सतीश शेंद्रे, विक्रांत ब्राह्मणकर शुभम मेश्राम, राजेश ढोक, पृथ्वी सैयाम, चालक टिकेश्वर डोंगरवार, दिनेश सोनवाने के प्रयास सफल हुए। जानकारी मिलते ही शहर के हजारों लोग मौके पर जमा हो गए तब गोंदिया ग्रामीण पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक सिंगनजुड़े की टीम ने नागरिकों की भीड़ को नियंत्रित करने पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा।
नाइट विजन थर्मल ड्रोन के द्वारा बाघ की लोकेशन का पता लगाया और जेसीबी से बाघ तक पहुंचने के लिए रास्ता तैयार किया गया। प्रभागीय वनाधिकारी, दिलीप कौशिक,ने बताया कि सुबह करीब 4.30 बजे बाघ को बेहोश करने में कामयाबी मिली। बाघ को नागपुर के गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया है।।
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