विधायक राजकुमार बडोले ने महिला अस्पताल की समस्याओं पर उठाए सवाल 

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गोंदिया- अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं नागरिकों का अधिकार: राजकुमार बडोले पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले क्षेत्र की आवाज़ उठाने में सबसे आगे है।महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र 2025 में, अर्जुनी मोरगाँव के विधायक और पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले ने गोंदिया जिले के मुद्दों पर बहुत ही प्रभावी और आक्रामक तरीके से  उठाकर अपनी दूरदर्शिता और जनसेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का परिचय दिया। विधायक राजकुमार बडोले इस सत्र में केवल सवाल उठाने तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने गोंदिया जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए निरंतर, निडर और प्रभावी ढंग से प्रयास करके एक बार फिर अपने नेतृत्व कौशल और लोगों की समस्याओं के प्रति जुनून को उजागर किया। इससे जनसंपर्क और पारदर्शिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता लोगों को दिकाई देती है। विधायक बडोले ने इस सत्र में अपने संवेदनशील, सक्रिय और जन-केंद्रित दृष्टिकोण से एक आदर्श जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया है। उनके प्रयासों से गोंदिया जिले की व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।

        महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र 2025 में  पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले ने गोंदिया जिले के एकमात्र बाई गंगाबाई महिला अस्पताल की गंभीर समस्याओं पर आवाज उठाई। गोंदिया जिले, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं इस अस्पताल में इलाज के लिए आती हैं। अस्पताल में कई समस्याओं के कारण मरीजों और उनके रिश्तेदारों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
         राजकुमार बडोले ने मंत्री हसन मुश्रीफ से इस मामले में तत्काल ध्यान देने की अपील की। उन्होंने मंत्री महोदय को बताया कि अस्पताल में प्रसव के दौरान होने वाली मौतों की दर चिंताजनक है और अस्पताल में बिस्तरों की कमी को लेकर भी परेशानी है और इससे भ्रष्टाचार पनपता है। बिस्तर पाने के लिए रिश्वत मांगे जाने के कई मामले सामने आए हैं। सोनोग्राफी मशीन अक्सर खराब रहती है, जिससे महिलाओं को जांच के लिए तारीख पर तारीख मिलती है और अस्पताल में अक्सर विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते हैं। चूंकि मरीजों के रिश्तेदारों के लिए आवास की सुविधा नहीं है, इसलिए उनकी बी परेशानी बढ़ जाती है, इसलिए धर्मशाला अस्पताल परिसर में स्थित होनी चाहिए। मरीजों को मेडिकल जांच के लिए दूर केटीएस अस्पताल जाना पड़ता है। साथ ही, अब ओपीडी और जांच के लिए शुल्क लिया जा रहा है जो पहले मुफ्त थे और इन सुविधाओं को फिर से मुफ्त करने की जरूरत है। रक्त पृथक्करण मशीनों की कमी के कारण, सिकलसेल और थैलेसीमिया रोगियों के लिए रक्त की कमी होती है और इन रोगियों को समय पर रक्त नहीं मिलता है। राजकुमार बडोले ने यह कहकर सदन का ध्यान आकर्षित किया।

        इन प्रश्नों का उत्तर देते हुए, चिकित्सा शिक्षा एवं सांस्कृतिक कार्य मंत्री हसन मुश्रीफ ने  आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक में रक्त पृथक्करण इकाई के लिए केंद्र और राज्य स्तरीय टीमों की बैठक 21 जुलाई को होगी। इस बैठक के बाद, एक महीने के भीतर रक्त पृथक्करण इकाई उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही, अस्पताल की अन्य समस्याओं पर भी एक विशेष बैठक आयोजित की जाएगी और उन पर चर्चा कर शीघ्र ही समाधान निकाला जाएगा।