भारतीय सैन्य गौरव- अग्निवीर जवान
महज 22 की उम्र पर अग्निवीर जवान की शहादत,अब सरकार शहादत पर देगी 1.65 करोड़
जब उनका शव गांव पहुंचा, तो हर गली, हर चेहरा उनके नाम का जयघोष करता दिखा। अंतिम विदाई में न केवल ग्रामीण, बल्कि राज्य के मंत्री, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। शिक्षा व आईटी मंत्री नारा लोकेश ने खुद पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की और मुरली के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा, “राज्य मुरली नाइक की बहादुरी को सलाम करता है – उनकी वीरता को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
‘शहीद’ का दर्जा नहीं, पर सम्मान बराबर
अग्निवीर मुरली नाइक की शहादत ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है—क्या अग्निवीरों को भी ‘शहीद’ का दर्जा मिलेगा? सरकार की वर्तमान नीति के अनुसार, अग्निवीरों को तकनीकी रूप से शहीद घोषित नहीं किया जाता, क्योंकि यह शब्द सरकारी दस्तावेजों में परिभाषित नहीं है। फिर भी, ड्यूटी के दौरान बलिदान देने वाले अग्निवीरों को पूरी सैन्य मर्यादा और मुआवज़ा दिया जाता है, जो एक नियमित सैनिक के बराबर होता है।
परिवार को क्या सहायता मिलेगी?
सरकार द्वारा अग्निपथ योजना के अंतर्गत मुरली नाइक के परिजनों को निम्नलिखित सहायता प्रदान की जाएगी:
₹48 लाख का जीवन बीमा कवर
₹44 लाख की एकमुश्त अनुग्रह राशि
₹10–12 लाख का सेवा निधि फंड (ब्याज समेत)
₹13 लाख के लगभग बचे हुए कार्यकाल का वेतन
इसके साथ ही, परिवार को सामाजिक सुरक्षा और पुनर्वास में मदद भी दी जाएगी।
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