
गोंदिया, 16 फरवरी 2025:
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किसानों को कृषि पंपों के लिए दिन में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु शुरू की गई मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 को ऊर्जा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रतिष्ठित स्कोच स्वर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है। इसके साथ ही, महावितरण की सौर ग्राम योजना को स्कोच रजत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र ने शनिवार को नई दिल्ली में यह पुरस्कार ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 को अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) आभा शुक्ला के समन्वय में राज्य के ऊर्जा विभाग, महावितरण और राजस्व विभाग द्वारा सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन किया जाता है, जिससे कृषि पंपों का संचालन किया जाता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा अप्रैल 2023 में इस योजना का शुभारंभ किया गया था और इसकी तेजी से अमल किया जा रहा है। अब तक 49 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिनकी कुल क्षमता 203 मेगावाट है। यह योजना मार्च 2026 तक पूरी हो जाएगी, जिससे राज्य के सभी कृषि पंप सौर ऊर्जा से संचालित होने का सपना साकार होगा। इसके तहत 16,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता विकसित की जाएगी, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन योजना बन जाएगी।
मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 से किसानों को दिन के समय गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति मिलेगी, जिससे उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी। इसके अलावा, इस योजना के तहत बिजली अत्यधिक किफायती दरों पर उपलब्ध होगी, जिससे महावितरण की बिजली खरीद लागत घटेगी और उद्योगों पर क्रॉस-सब्सिडी का बोझ कम होगा। इस योजना से राज्य में 66,000 करोड़ रुपये के निजी निवेश को बढ़ावा मिल रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में 70,000 से अधिक रोजगार सृजित हो रहे हैं। यह योजना ऊर्जा क्षेत्र में गेम-चेंजर साबित हो रही है।
महावितरण राज्य में सौर ग्राम योजना के तहत 100 गांवों का विकास कर रहा है। इस योजना में गांवों में घरों की छतों पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं, जिससे पूरे गांव की बिजली जरूरतों को स्थानीय स्तर पर पूरा किया जा रहा है। इसके तहत ग्राम पंचायत कार्यालय, स्ट्रीट लाइट, जिला परिषद स्कूल, जल आपूर्ति योजनाएं आदि के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। इससे गांव का बिजली बिल शून्य हो जाता है और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है। महाराष्ट्र के सातारा जिले का मान्याचीवाड़ी राज्य का पहला सौर ग्राम बन चुका है। अब तक 6 गांव सौर ग्राम बन चुके हैं।
------------------------------------------------------------------------------------------------------------'सीएमडी लीडरशिप' पुरस्कार से सम्मानित हुए महावितरण के अध्यक्ष लोकेश चंद्र
गोंदिया,
15/02/2025:
महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री लोकेश चंद्र को देशभर की ऊर्जा कंपनियों में से 'सीएमडी लीडरशिप' श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में शुक्रवार को मुंबई में सम्मानित किया गया।
'गवर्नेंस नाउ' नामक प्रतिष्ठित पत्रिका द्वारा देशभर की ऊर्जा कंपनियों के लिए आयोजित 'वेस्टेक सिम्पोसियम एंड अवार्ड 2025' समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया। महावितरण को साइबर सुरक्षा एवं डेटा संरक्षण, नई तकनीकों को अपनाने और कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए तीन श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दिए गए। महावितरण को मिले इन पुरस्कारों को वरिष्ठ अधिकारी दिनेश अग्रवाल, अविनाश हावरे, दत्तात्रय बनसोडे, पंकज तगलपल्लीवार और मंगेश कोहाट ने ग्रहण किया। इस अवसर पर श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन नेटवर्क की निदेशक कंचन अधिकारी और अभिनेता महेश ठाकुर भी उपस्थित थे।
सम्मान समारोह के दौरान, श्री लोकेश चंद्र ने कहा कि महावितरण को मिला यह पुरस्कार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व और महावितरण के 90,000 कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने बताया कि राज्य में तीन करोड़ से अधिक घरेलू, कृषि, औद्योगिक और व्यावसायिक बिजली उपभोक्ताओं को निरंतर और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए महावितरण लगातार कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में पिछले ढाई वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में किए गए सुधारों का लाभ राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को मिल रहा है और महाराष्ट्र पर्यावरण अनुकूल नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में किसानों को सिंचाई के लिए दिन में बिजली आपूर्ति करने के उद्देश्य से 'मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0' चलाई जा रही है। इस योजना का कार्य मार्च 2026 तक पूरा किया जाएगा, जिसके बाद कृषि क्षेत्र को पूरी तरह सौर ऊर्जा से बिजली आपूर्ति की जाएगी। इस अभिनव परियोजना और दूरदर्शिता से किए गए किफायती ऊर्जा खरीद समझौतों के कारण भविष्य में महावितरण की बिजली खरीद लागत में बड़ी बचत होगी, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को बिजली दरों में कटौती के रूप में मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि 'मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0' महाराष्ट्र द्वारा देश के सामने प्रस्तुत किया गया एक आदर्श मॉडल है। केंद्र सरकार ने इसकी सराहना की है और अन्य राज्यों को इसे अपनाने की सिफारिश की है। इस योजना से किसानों को दी जाने वाली बिजली की लागत में भारी बचत होगी, जिससे उद्योगों पर पड़ने वाला सालाना 13,500 करोड़ रुपये का क्रॉस-सब्सिडी भार कम होगा। महाराष्ट्र इस भार को हटाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
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